हाईकोर्ट का आदेश आते ही निजी स्कूलों ने शुरू कर दी फीस वसूली

रायपुर,
 हाईकोर्ट का फैसला और शिक्षाविभाग की लचर व्यवस्था के बीच स्कूलों ने पालकों से फीस वसूली शुरू कर दी है. ऐसी स्थिति में पैरेंट्स एसोसिएशन ने शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग को ज्ञापन सौंपकर ट्यूशन फीस को परिभाषित और अनुमोदित करने की मांग की है.
पैरेंट्स एसोसिएशन प्रदेश अध्यक्ष क्रिस्टोफर पॉल का कहना है कि प्रदेश में सशर्त फीस लेने के हाईकोर्ट के फैसले को निजी स्कूलों ने ताक पर रख कर मनमानी करना आरंभ कर दिया है. हाईकोर्ट का फैसला 27 जुलाई को इंटरनेट में अपलोड होने के कुछ ही घंटे बाद ही पालकों के पास फीस वसूली के लिए ईमेल और मेसेजेस आना आरंभ हो गया है. ऐसे में हाईकोर्ट के फैसले की आड़ में निजी स्कूल वाले पालकों से मोटी फीस वसूलने की आशंका सच साबित होती नजर आ रही है.
क्रिस्टोफर पॉल का कहना है कि कई स्कूलों ने साफ कह दिया है कि हाईकोर्ट ने स्कूलों को फीस लेने अनुमति दे ही है, इसलिए बैंकों के माध्यम से तत्काल फीस की दो किस्तें जमा कर दिजिए. उन्होंने बताया कि कई स्कूलों ने इस शिक्षा सत्र 2020-21 में फीस वृद्धि की है, तो कई स्कूलों ने फीस जमा करने की तिथि भी निर्धारित कर दी है, जो हाईकोर्ट के निर्णय का स्पष्ट उल्लघंन है. जबकि हाईकोर्ट ने अपने फैसले में यह स्पष्ट कहा है कि स्कूल सिर्फ ट्यूशन फीस ही लेंगे और शिक्षा सत्र 2020-21 में फीस में वृद्धि नहीं की जाएगी. इसके अलावा फीस जमा करने के लिए पालकों को विकल्प भी दिया गया है.
छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसिएशन का कहना है कि स्कूल शिक्षा विभाग, डीपीआई और डीईओ की यह जिम्मेदारी है कि वह ट्यूशन फीस को पहले परिभाषित करें और यह सुनिश्चित करे कि स्कूल वाले जो फीस वसूल रहे है वह सिर्फ ट्यूशन फीस ही है, और डीईओ द्वारा अनुमोदित किया गया है. लेकिन शिक्षा विभाग को इसमें कोई रूचि नहीं है, और संचालक ने तो 31 जुलाई को समस्त डीईओ को पत्र जारी कर हाईकोर्ट की उन कंडिकाओं (30,31,32 और 33) का अक्षरशः पालन कराने का निर्देश दिया है, जिसमें प्राइवेट स्कूलों को फीस वसूलने और शिक्षकों को वेतन देना का उल्लेख है, लेकिन जहां पालकों को राहत दी गई है, उसका जानबूझकर उल्लेख नहीं किया गया है.
पॉल ने कहा कि जिम्मेदार अधिकारी को हाईकोर्ट के पूरे निर्णय को अक्षरशः पालन कराने के संबंध में समस्त डीईओ को निर्देशित करना था. इस प्रकार अधिकारी प्राइवेट स्कूलों को अप्रत्यक्ष रूप से लाभ पंहुचाने और प्रमोट करने में लगे हुए है।

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