होटल राज इंपीरियल पर गिरी गाज!
➡️ संचालक, मालिक के खिलाफ अपराध दर्ज
➡️ बार का लाईसेंस बचाने रची जा सकती है साजिश?
(खास रिपोर्ट पूरन साहू)
राजनांदगांव
रेवाडीह स्थित थ्री स्टार होटल राज इंपीरियल में पकड़े गए साढे छह लाख रूपए के जुआ के मामले में आखिर होटल के संचालक, मालिक के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किया गया है। लालबाग पुलिस ने भादवि की धारा 188, 269, 270 के तहत कार्रवाई की है। ज्ञात हो कि थ्री स्टार होटल का मामला होने के चलते आम प्रतिक्रिया यह आने लगी थी कि मालिक के खिलाफ कार्रवाई होगी या फिर नहीं? बताया जाता है कि होटल राज इंपीरियल के कमरा नंबर 301 में जुए का मामला सुर्खियों में आने के बाद प्रदेश के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने मामले को संज्ञान में लेते हुए शीर्ष अधिकारियों को होटल मालिक के खिलाफ भी कार्रवाई के निर्देश दिए थे। आखिर में लालबाग पुलिस ने 27 जुलाई की रात आठ बजे मामले में कायमी की। इधर अब ऐसी आशंका जताई जा रही है कि होटल संचालक, मालिक राज इंपीरियल के बार का लाईसेंस बचाने साजिश रच सकते हैं क्योंकि कानूनी तौर पर बार संचालक के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध होने पर लाईसेंस खतरे में पड़ जाता है? पुलिस एफआईआर में होटल के संचालक, मालिक का अधिकृत तौर पर नाम सामने नहीं आया है पर ऐसा माना जा रहा है कि यदि होटल पार्टनर शीप में होगा तो उसके सभी पार्टनर आरोपी बनाए जाएंगे और यदि होटल प्रोपाईटरशीप होगा तो केवल एक ही व्यक्ति आरोपी होगे। इसकी दस्तावेजी सच्चाई के लिए पुलिस ओर से होटल राज इंपीरियल के जगह की राजस्व रिकार्ड और आबकारी विभाग से जानकारी ली जा रही है। इधर ताजा राजस्व रिकार्ड के अनुसार होटल राज इंपीरियल जिस जगह पर निर्मित है उसका पटवारी हल्का नंबर 37 रेवाडीह है। व्यपवर्तित भूमि खसरा नंबर 105/16 के भूमि स्वामी का नाम हरजीत सिंह, जसविंदर सिंह आत्मज स्व. हरवंश सिंह और सुरेंदर कौर पति स्वं. हरवंश सिंह है। ज्ञात हो कि पिछले बीते दिनों होटल मालिक के रूप में जिस गुरूजोत का नाम सामने लाया गया था वह हरजीत सिंह भाटिया का सुपुत्र है। लालबाग थाना प्रभारी प्रशिक्षु डीएसपी मयंक रण सिंह ने बताया कि मामले की विवेचना जारी है।
*➡️ राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई क्यों नहीं?*
हरेली केे दिन बीस जुलाई को कोरोना लाकडाऊन के दिशा निर्देशों का उलंघन करते हुए जुआरियों को जुआ खेलने के लिए होटल का कमरा उपलब्ध कराने वाले रेवाडीह स्थित राज इंपीरियल के संचालक, मालिक राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत भी कार्रवाई के दायरे में है पर जिला प्रशासनन ने अभी तक इस अधिनियम के तहत मामलेे को संज्ञान में नहीं लिया है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 एक ऐसा कानून है जिसके प्रयोग के लिए जिला स्तर पर जिला दंडाधिकारी सक्षम होते हैं। ज्ञात हो कि पूरे देश में 22 मार्च 2020 के बाद से कोरोना संक्रमण के चलते राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 प्रभावशील है। इस अधिनियम के तहत केंद्र या राज्य सरकार या जिला प्रशासन द्वारा बनाई गई कोई भी व्यवस्था या नियम या जारी निर्देशों का पालन करना हर किसी के लिए निहायत जरूरी होता है। माना जा रहा है कि इस अधिनियम की धारा 51 के तहत यदि कार्रवाई होती है तो फिर होटल राजइंपीरियल के संचालक, मालिक के लिए बड़ी मुशीबत खड़ी हो जाएगी।