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तब्लीगी जमात की तीन विदेशी महिलाएं, जो 111 दिनों तक एक कोरंटाइन सेंटर और फिर जेल में प्रशासन और पुलिस की निगरानी में रहीं, गर्भवती हो गईं

तब्लीगी जमात की तीन विदेशी महिलाएं, जो 111 दिनों तक एक कोरंटाइन सेंटर और फिर जेल में प्रशासन और पुलिस की निगरानी में रहीं, गर्भवती हो गईं।*  यह तब है जब कोरंटाइन सेंटर और जेल में किसी से भी मिलने जुलने पर प्रतिबंध था।  एक महिला का गर्भ अप्रैल के अंतिम सप्ताह से मई के पहले सप्ताह के बीच का है।  इससे कुछ दिन पहले दो महिलाएँ गर्भवती हुई थी, लेकिन कोई भी तीन महीने से अधिक की गर्भवती नहीं है।
 
  मंगलवार को यह मामला तब सामने आया जब उनके पति समेत 17 विदेशी जेल से बाहर आए।  उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिली है।  खास बात यह है कि तीनों महिलाओं ने कोरंटाइन सेंटर से जेल में प्रवेश के समय मेडिकल के दौरान डॉक्टर को अपनी गर्भावस्था की जानकारी दी।  बाद में अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट ने पुष्टि की कि वे कोरंटाइन के दौरान गर्भवती हुई।
  ऐसे में सवाल उठता है कि जिस कोरंटाइन सेंटर में लोगों को एक-दूसरे से मिलने की आजादी नहीं है, वहां ये महिलाएं गर्भवती कैसे हुईं?  30 मार्च से 20 जुलाई तक, उन्होंने 111 दिन पुलिस हिरासत और जेल में बिताए हैं।  ज्ञात हो कि 30 मार्च को रांची में सभी 17 विदेशी नागरिकों को हिरासत में लिया गया था।  उस पर लॉकडाउन और वीजा नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया गया था
पांच विदेशी महिलाएं, उनके पति और अन्य पुरुष राजधानी एक्सप्रेस से 17 मार्च को राजधानी दिल्ली से रांची आए, जिसके बाद पुरुष और महिलाएं हिंदपीरी की मस्जिद में मोहल्ले के प्रतिष्ठित लोगों के घरों में ठहरे हुए थे, जहां से पुलिस ने 30 मार्च को उन्हें गिरफ्तार कर लिया।  ये महिलाएं निजामुद्दीन मरकज से रांची आई थीं।
  30 मार्च, 2020: सभी को रांची पुलिस ने हिरासत में ले लिया और खेल गांव कोरंटाइन सेंटर में रखा गया।
 
  
 
  लगभग 50 दिनों के बाद, सभी को खेलगाँव के कोरंटाइन सेंटर से जेल ले जाया गया, जहाँ दोनों महिलाओं ने गर्भावस्था के एक महीने की मौखिक जानकारी दी।
 
  21 जुलाई 2020: सभी जमानत पर रिहा हुए

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