जिला सरगुजा के एडिशनल एसपी ओम चंदेल का नया कारनामा जब्ती की शराब को साइबर सेल में रख कर,07 पेटी महँगी शराब को भेजा अपने घर
अम्बिकापुर–
13 नवंबर की दरमियानी रात को ग्राम करजी थाना दरिमा से भारी तादाद में पुलिस ने दबिश देकर अवैध शराब पकड़ी, जो थाना दरीमा के इलाके में आता है। प्रभारी दरिमा से उक्त कार्यवाही की जानकारी चाही गयी तो थाना प्रभारी ने कार्यवाही के संबंध में साफ-साफ इंकार कर दिया, कहा कि यह मामला अंबिकापुर सिटी कोतवाली में चला गया है, जिसकी जांच एडिशनल एसपी ओम चंदेल कर रहें हैं। ग्राम करजी तो आपके ही थाना क्षेत्र के अंतर्गत आता है, तो उन्होंने कहा ऊपर से जैसा आदेश है मैं वैसा बोल रहा हूं।
जब अंबिकापुर सिटी कोतवाली के प्रभारी भारद्वाज सिंह के पास फोन लगाया गया है तो उन्होंने भी कार्यवाही से इंकार कर दिया और कहा मेरे पास अवैध शराब से जुड़ा कोई भी मामला नहीं आया। कप्तान सरगुजा को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के कारनामों को बताया तब जाकर बकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लगभग 6 लाख के अवैध शराब जब्ती की बड़ी कार्यवाही का खुलासा किया। मामले में जप्त वाहन क्रमांक CG15 DE 8759 व गोवा जैसी सस्ती शराब से लेकर रेड वाइन, वेट 69 जैसी महंगी शराब भी शामिल है।
ओम चंदेल के द्वारा जब्त शराब को थाने में न देकर साइबर सेल में रखा गया व थोड़ी देर के बाद शासकीय वाहन से 07 पेटी जोनी वॉकर रेड रेबेल शराब अपने घर भेज दी गयी,इस संबंध में संवाददाताओं के द्वारा पूछे जाने पर आनन फानन में प्रेस वार्ता कर अपने आप को बचाने का प्रयास किया गया
सूत्रों के अनुसार उक्त शराब जब्ती में गोवा जैसी सस्ती शराब से लेकर रेड वाइन, वैट 69, सिमरन ऑफ जैसी सूची शामिल है, वैसे तो ये सब स्थानीय शासकीय दुकानों में भी उपलब्ध है परंतु उसमें सस्ती शराब या पानी मिला होने से आपको पैसे भी दुगने चुकाने होते हैं और उसका कितना आनन्द आप ले रहे हैं ये तो आप ही जाने हमारा काम है अव्यवस्था के विरुद्ध आवाज उठाना बहरहाल उक्त प्रकरण में विनोद जायसवाल तथा उसके बेटे सागर जायसवाल नामक दो व्यक्ति को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड में भेज दिया गया है।
उक्त घटना स्थल ग्राम करजी थाना दरिमा के अंतर्गत आता है किंतु सरगुजा के माइक टू का स्वयं घटनास्थल पर पहुंचकर ब्रांडेड शराब का जप्त करना और अपने कब्जे मे रखकर चुप्पी साध लेना प्रेस दखल पर तब कार्यवाही होना जब सरगुजा के एसपी तक बात पहुंचती है, प्रदेश भर में सरगुजा पुलिस फिर से सुर्खिया अवश्य बटोरेगा।
आखिर इतने विवादों में बार बार नाम आने पर भी ओम चन्देल का तबादला क्यों नहीं होता? विभाग में चर्चा आम है कि ओम चन्देल अवैध तरीके से पैसे कमाकर ऊपर पहुंचाते हैं, अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को परेशान करते हैं, अपने पद और शक्ति का दुरुपयोग करते हैं, नाम गोपनीय रखे जाने के एवज में एक सूत्र ने बताया कि दरिमा और अम्बिकापुर कोतवाली के बीच मामले को घुमाकर दरसल अवैध शराब का उक्त खेप चन्देल साहब स्वयं डकार जाने वाले थे और गिरफ्तारी और मामला ना बनाने की एवज में 5 लाख अलग से वसूलने की बात की जा रही थी लेकिन भारत सम्मान ने ना तो इन्हें उम्दा क्वालिटी का शराब ही चखने दिया ना 5 लाख की रक़म ही मिली अब डीजीपी के आदेश पर तत्काल कार्यवाही ना किये जाने पर कार्यवाही होने का खतरा अलग मंडरा रहा है
यह जनाब वही कथित पुलिस अधिकारी हैं जो पिछली सरकार में स्वयं को नारायण चंदेल का रिश्तेदार बताया करते थे और आज खुद को राजघराने से जोड़कर परिचय देते हैं बाकी तो आप समझ ही गए होंगे ये अधिकारियों में अब तक अकेले क्यों बचे हुए हैं जिसका ट्रांसफर नहीं हुआ। प्रदेश के पुलिस मुखिया डीएम अवस्थी साहब के आदेशों की खुलेआम अवमानना ये पहले भी कई दफा कर चुके हैं, छत्तीसगढ़ पुलिस एक्ट 2007 तथा संशोधित अधिनियम के तहत कोई भी पुलिस अधिकारी इतनी बड़ी मात्रा में शराब अपने कब्जे में नहीं रख सकता बावजूद इन सबके अब ये देखना होगा कि इनपर कार्यवाही होती है या पैसे ऊपर पहुंचाने वाले इनपर लगने वाले आरोप सच हैं?
लोग कहते हैं शराबें बख़्श देती हैं सुकून
मैं ये कहता हूं शराबों ने दिया कुछ भी नहीं
एक तौबा शिकन चेहरा तसव्वुर में रहा
सारी बोतल पी गया लेकिन हुआ कुछ भी नहीं
अब आप सोचिये प्रिंट रेट से ऊपर का दाम देकर भी नकली और मिलावटी शराब आप खरीद रहे हैं फिर भी खामोश हैं लेकिन भारत सम्मान को ना तो पैसे से कोई खरीद सकता है ना ही भयभीत कर चुप करा सकता है, हां पुलिस विभाग का कोई अपराधी और भ्रष्ट अधिकारी हमें गोली मार दे अलग बात है।
पुलिस महानरीक्षक सरगुजा रेंज को यह बताना लाजिमी होगा कि सरगुजा जिले में अवैध कबाड़ व सट्टा-पट्टी के किंग को सरगुजा पुलिस आज भी संरक्षण दे रही है, आज समूचे छत्तीसगढ़ प्रदेश में भले ही क्राइम ब्रांच पूरी तरह से भंग कर दिया गया हो पर सरगुजा में आज भी स्पेशल टीम के नाम पर अवैध उगाही का काला कारनामा बदस्तूर जारी है।