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अधिवक्ता की हत्या में छिपा ‘महिला मित्र’ का राज!⏩ क्या मूल आरोपी के गर्दन तक पहुंच पाएगी पुलिस के हाथ ?
⏩ मृतक के पिता ने एफआईआर में किया है महिला मित्र के नाम का खुलासा
( पूरन साहू)

राजनांदगांव

जिले के सोमनी थाना क्षेत्र के फरहद निवासी अधिवक्ता संजय साहू 40 वर्ष की हत्या के मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर सुर्खियां तो बटोर ली है पर हत्या को अंजाम देने के पीछे की मूल कहानी से रहस्य का पर्दा उठ नहीं पाया है? पुलिस की प्रेस विज्ञप्ति में मृतक का ‘महिला मित्र’ होना सामने आने के बाद इस अपराध के तार उस महिला मित्र से जुड़े होने और अपराध की सोची समझी साजिश में महिला मित्र की प्रमुख भूमिका होने की चर्चा सरगर्म है। 24 घंटे के भीतर अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाने के मामले में पुलिस का बांहे चढाना तो लाजिमी है पर घटना के शुरूआती दौर में ही पुलिस ने जिस ढंग से चार आरोपियों के द्वारा अधिवक्ता की हत्या की कहानी उजागर की गई है उससे इस अंदेशा से इंकार नहीं किया जा सकता है कि अधिवक्ता का ‘महिला मित्र’ कहीं पुलिस से भी मित्रता का फर्ज अदा न कर देे? सोमनी और फरहद से जुड़े  इस हत्याकांड के बीच से जो जानकारी छनकर सामने आ रही है उसके मुताबिक अधिवक्ता संजय साहू काफी लंबे समय से सोमनी निवासी एक महिला के घर आ-जा रहा था। कई बार वह उसी के घर में भी रात रूक जाता था। कुछ दिनों तक वह महिला की जमीन संबंधी विवाद का केस भी लड़ा उसकी जमीन विवाद की पूरी फाईल भी  मृतक संजय के पास था। मृतक के परिवारिक सदस्यों के अनुसार उसके वकालत से संबंधी तमाम  कागजात भी महिला के घर में रहते थे। पुलिस ने स्वयं उस महिला को मृतक का ‘महिला मित्र’ करार दिया है। इधर पुलिस के एफआईआर में भी महिला का नाम सामने आ गया है। अब मूल सवाल यह है कि अधिवक्ता संजय साहू की हत्या उसके महिला मित्र के भतीजा और तीन अन्य लोगों ने मिलकर क्यों की? एसपी जितेंद्र शुक्ल की कहानी के अनुसार एक आरोपी का 376 में जेल भिजवाया था इसलिए अधिवक्ता से रजिंश था, एक अन्य आरोपी का रूपए लेनदेन का विवाद था, इसलिए अधिवक्ता की हत्या को अंजाम दिए। सवाल यह उठता है कि आरोपियों को यदि ऐसी किसी रंजिश का बदला लेना होता तो महिला मित्र के घर से आते-जाते या रात रूकते, उठते-बैठते समय भी घटना को अंजाम दिया जा सकता था?
*➡️ किसने दिया आरोपियों को संजय के पुलिया में बैठे होने का लोकेशन?*
मृतक के चाचा डॉ. केएन साहू और भाई ईश्वर साहू सहित अन्य पारिवारिक सदस्यों की मानें तो आरोपियों ने घटना को ऐसे समय में अंजाम दिया है जब वह नौ जुलाई की रात में अपने घर से मोबाईल पर बात करते हुए निकला और घर से थोड़ी दूर पुलिया में आकर बैठा? अब सवाल यह उठता है कि सांकरा स्थित मैदान में शराब पीकर अधिवक्ता की हत्या की योजना बनाने वालों को अधिवक्ता संजय साहू के पुलिया बैठे होने का लोकेशन कैसे मिला…, किसने दिया …कि आरोपी ऐन मौके पर पहुंचकर उस पर आरी और टंगिया से वार कर दिए? मृतक के पारिवारिक सदस्यों को आशंका है कि रात में अधिवक्ता संजय साहू के पास जो फोन आया था वह उसके महिला मित्र का था और उसी के कहने पर वह उससे बात करते हुए घर से निकला। पुलिस को इस मामले का पूरा क्लू भी मृतक के आखिरी काल डिटेल से हाथ लगा। पारिवारिक सदस्यों को पूरी आंशका है कि अधिवक्ता संजय साहू की हत्या करवाने में उसके महिला मित्र का पूरा हाथ और पूरी साजिश है। मृतक के चाचा डॉ. केएन साहू और भाई ईश्वर साहू का कहना है चारों आरोपियों और मृतक के अलावा उस महिला के घटना समय के घंटे भर का काल डिटेल निकाले यह स्पष्ट हो जाएगा कि इस पूरी योजना को किस तरह से अंजाम दिया गया है? इधर मृतक के पारिवारिक सदस्यों ने उस महिला के घर रखे अधिवक्ता संबंधी सभी कागजातों को भी तत्काल सील नहीं किए जाने पर भी संदेह जताया है।

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