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पुलिस अफसर के इस बेटे ने सरकारी जमीन पर कब्जा करके बनाई कमर्शियल मार्किट, अवैध कालोनी काटने में है सबसे ज्यादा माहिर गुरु-चेला चर्चा में

जालंधर :
‘DN हॉस्पिटैलिटी’ फर्म के एक पार्टनर की खुली पोल, पुलिस अफसर के इस बेटे ने भोगपुर में सरकारी जमीन पर कब्जा करके बनाई कमर्शियल मार्किट, अवैध कालोनी काटने में है सबसे ज्यादा माहिर-गुरु, चेला चर्चा में
जालंधर (ब्यूरो)- जालंधर में DN हॉस्पिटैलिटी के पार्टनरों का विवाद तूल पकड़ता जा रहा है। जहां एक तरफ कांग्रेसी गुरु-चेले की जोड़ी उक्त विवाद में राजीनामे में अहम भूमिका निभा रहा व करोड़ों रुपए की वापिसी की मांग सामने आई है। वहीं अब इस मामले में DN हॉस्पिटैलिटी में एक ‘म’ अक्षर के नाम वाले पार्टनर जोकि एक पुलिस अधिकारी का बेटा है व अकाली दल (यूथ) नेता का भाई है, के चर्चे व गलत कार्यों की सूची सामने आ रही है। हम से सम्पर्क कर एक पाठक ने जानकारी दी है कि उक्त पार्टनर मूल रूप से भोगपुर से संबंधित है जहां उसने सरकारी तंत्र, राजनीतिक पहुंच का इस्तेमाल कर सरकारी जमीन पर कब्जा करके कमर्शियल मार्किट बना दी है। इसके अतिरिक्त उक्त पार्टनर ने कई अन्य जगह भी अवैध रूप से कालोनियां बनाई है। गौर है कि उक्त पार्टनर का पिता पुलिस अधिकारी है। इसी पार्टनर पर बड़े-बड़े सपने दिखा पार्टनरशिप कर करोड़ों ऐंठने के आरोप हैं। जिमखाना क्लब ने भी जो कैटरिंग आरम्भ करने का नोटिस जारी किया था उसमें भी अब एक नया मोड़ आ गया है। उक्त पार्टनर के ही गट के एक सदस्य ने क्लब प्रबन्धन से हुए करार की लिखित कॉपी मांगी है।
ऐसे में उक्त कांग्रेसी गुरु चेला अब क्या रुख अपनाएंगे यह देखने वाली बात होगी। क्या दूसरा गुट इन गुरु चेले की बातों में आकर फिर अपना नुकसान करवाएगा या इंसाफ लेने हेतु भारतीय कानून का सहारा लेंगे। गौर हो कि उक्त गुरु चेले में कई बार गुरु विधायक चुनावों में टिकट भी ले चुके हैं परन्तु सदैव उनकी टिकट तत्पश्चात काट कर किसी और को दे दी गई और चेला मौजूद समय में निगम में बड़ा राजनीतिक ओहदेदार है जिसका भाई मकसूदां मंडी में खासा एक्टिव रहता है। कुछ सूत्रों ने बताया कि उक्त निगम वाला ओहदेदार चेला जब भी कोई अवैध निर्माणों की शिकायत लेकर पहुंचता है तो निर्माणकर्ता व शिकायतकर्ता में ‘5-10’ हजार के सौदे कमीशन सहित करवाता है। इस बारे शहर में आम चर्चा है कि जो परिवार अकाली दल से जुड़ा हो वह कैसे कांग्रेस नेताओं के दरबार में राजीनामे हेतु हाजिरी भर रहा है। वहीं एक चर्चा और आम चल रही है कि अगर उक्त पार्टनर अपने समेत गुट को सही ठहरा रहा था वही अब वह राजीनामे हेतु क्यों दबाव बनवा रहा है। इस बारे में जब उक्त पार्टनर से सम्पर्क करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन काट दिया। उन्हें पिछले 3 दिनों से सम्पर्क किया जा रहा है ताकि समाचार प्रकाशित होने पर पक्षपात के आरोप न लगे परन्तु नैतिकता के आधार पर इसे प्रकाशित किया जा रहा है।

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