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पुलिस की घोर लापरवाही से गई युवक की जान ?
⏩ नदी किनारे जुए पर रेड कार्रवाई में जवानों नेेे नहीं बरती सावधानी !
⏩ लालबाग थाने के एक हेड कांस्टेबल सहित पांच जवान जांच के कटघरे में
(स्पेशल रिपोर्ट पूरन साहू)

राजनांदगांव

  जिले के लालबाग थाना क्षेत्र के रामपुर- मोहभटठा खार से लगे शिवनाथ नदी के किनारे जुए की रेड कार्रवाई के दौरान नदी में कूदने से हुए एक युवक की मौत के मामले में पुलिस की घोर लापरवाही उजागर हुई है। 29 जुलाई की रात सवा आठ बजे जुआ पकडऩे गई लालबाग थाने की पुलिस यह जान रही थी कि घोर अंधेरा है…, फड़ तक पहुंचने के रास्ते मेढ़ पार, पगडंडी है…और जुए का फड़ लबालब भरे शिवनाथ नदी के किनारे है…,छापे की कार्रवाई से जुआरी भागकर नदी में भी गिर सकते हैं…,मर सकते हैं…, बड़ी अनहोनी भी हो सकती है….बावजूद इसके पुलिस ने सावधानियों को नजर अंदाज कर फड़ में धावा बोल दिया नतीजतन अपने बचाव के चक्कर में एक युवक नदी में कूद गया और अकाल काल के गाल में समा गया। इस घटना में लालबाग थानेे के एक हेड कांस्टेबल सहित पांच आरक्षक जांच के कटघरे में आ गए हैं। इधर पुलिस अधिकारियों ने एक बार फिर जुआ, रेड और फिर मौत की सच्चाई पर अपनी नई कहानी गढ़कर कांग्रेस सरकार के पुलिसिया कामाकाजों के प्रति जनता के विश्वास पर पानी फेर दिया है।  पूरे मामले में अंहम जांच का विषय यह है कि क्या जुए की रेड कार्रवाई थाना प्रभारी सहित पुलिस के आला अधिकारियों के निर्देशन में थी…और यदि हां तो फिर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने  पुलिस जवानों को रेड की कार्रवाई में किन-किन सावधानियों का ख्याल रखने के निर्देश दिए थे? ज्ञात हो कि जुए पर रेड कार्रवाई के लिए पुलिस को तमाम तरह की सावधानियां बरतने की जरूरत होती है। यदि पुलिस जान रही है कि जुआ किसी उंची छत पर या कुएं, तालाब, नदी, नाला, पहाड़ में चल रहा है तो पुलिस को पहले उनकी घेराबंदी, बचाव की सावधानियों पर ध्यान देना चाहिए होता है पर मोहभटठा के जुआ मामले में पुलिस ने ऐसी किसी सावधानी पर धयान नहीं दिया।
*➡️ धारा 304 का दर्ज हो सकता है मामला*
पूरी कार्रवाई में यह अनुमान लगाया जा सकता है कि जुआ पकडऩे गई पुलिस ने ऐसा तो नहीं किया होगा कि वह चुपचाप एक-एक कर जुआरियों को दबोची होगी, कहीं न कहीं शोर गुल हुआ होगा.., पुलिस-पुलिस की बात आई होगी तभी तो भय का माहौल पैदा हुआ और लोग भाग खड़े हुए जिसमें से दो नदी में कूद गए पर एक बच निकला और दूसरे की मौत हो गई। पुलिस चाहती तो मौके पर से किसी को भी नहीं भागने की चेतावनी के साथ अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर सकती थी पर संभवत: ऐसा नहीं किया गया होगा? कानून के जानकारों की माने तो जुए की रेड के दौरान नदी में कूदने से राजीव नगर बसंतपुर निवासी योगेद्र सोनकर की मौत के घटनाक्रमों में जितने भी पुलिस कर्मी संलिप्त रहे होंगे उनके खिलाफ भादवि की धारा 304 का मामला पंजीबद्ध हो सकता है?
*➡️ जुआ के नामजद आरोपियों में आठ लोग शामिल*
लालबाग पुलिस ने 29 जुलाई की रात साढे नौ बजे जुआ के मामले में अपराध क्रमांक 309 में सार्वजनिक जुआ अधिनियम 1867 की धारा 13 के तहत जो अपराध पंजीबद्ध किया है उसमें नामजद आठ आरोपी शामिल हैं। बताया जाता है कि मौके पर एक भाजपा पार्षद का पति भी था पर उसे छोड दिया गया। मामले की रिपोर्ट हेडकांस्टेबल 152 सुरेश सिंह राजपूत की ओर दर्ज की गई है।  जुए की रेड कार्रवाई में लालबाग थाने के प्रधान आरक्षक क्रमांक 1470 किशोर यादव, आरक्षक क्रमांक 1320, 1415, 683, 1412 और 1666 के नाम सामने आए हैं। इन सभी के द्वारा जुआ पकडऩे के लिए स्वयं के मोटर साइकिल से मौके लिए रवाना होने का उल्लेख हैं।

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